मैं हूं एहसान का मारा कुत्ता
मैं हूं गली का आवारा कुत्ता ,
भूख प्यास का पता नहीं
हम गली गली में बागें
आधी रोटी खातिर हम द्वार द्वार में झांके
मैं हूं एहसान.........
चाहे दिल्ली मुंबई हो
चाहे चंडीगढ़ ,छिंदवाड़ा
मैं तो भूखा उसके द्वार पे सोता
हो कितना भी पैसे वाला
मैं ......
अपनी तो फटी हाल है कौन देखने वाला
दुत्कार में सारा जीवन गुजरा
आगे पता क्या होने वाला
मैं ....
सबकी आंख में खटकता कुत्ता
अप्रिय ,अयोग्य,नकारा कुत्ता
कुंठित ,दरिद्र ,भयावह कुत्ता
मैं हूं किस्मत का मारा कुत्ता
मै हूं.............