ज़िंदगी की कशमकश तो बस,
यूँ ही चलती रहेगी,
आज ये है, कल कुछ और होगा....
ज़िन्दगी थम भी गई ,
तो भी ये आपाधापी चलती ही रहेगी....
जो आज अपने पल हैं,
कल किसी और के होंगे...
जानना बस ये ही है,कि ऐ ज़िंदगी,
तुझे जीना कैसे है...
अपने को ऊलज़लूल और फ़ज़ूल बातों से बचाना कैसे है...
जीवन की सभी यादों को मीठी यादें बनाना कैसे है.....
सुनो!
सब कुछ अपने ही हाथों में है,
सीखने कहीं भी नहीं जाना है...
हर कठिन घड़ी में,
ऑल इज वेल का फंडा अपनाना है....
ख़ुद को ही नहीं औरों को भी
हँसाना है...
कमी को नहीं, गुणों को पहचानना है....
ख़्वाहिशों और ज़रुरतों के फ़र्क़ को जानना है....
और बस! हँसते- हँसते